Shree Surya Dev Chalisa APK 1.0 - निःशुल्क डाउनलोड

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अंतिम बार अपडेट किया गया: 26 अगस्त 2019

ऐप की जानकारी

पूर्ण गीत और ऑडियो ऑफ़लाइन के साथ श्री सूर्या देव चालिसा

ऐप का नाम: Shree Surya Dev Chalisa

एप्लिकेशन आईडी: com.spidytechnology.shreesuryadevchalisa

रेटिंग: 0.0 / 0+

लेखक: Spidy Technology

ऐप का आकार: 9.58 MB

विस्तृत विवरण

अंग्रेजी में श्री सूर्यदेव चालिसा गीत

दोहा:
श्री रविहारत आ होरत तम, अग्नित किरण पासारी,
वंदन करू तन चरण मीन, अर्घ देवू जल धारी,

सकल श्रिस्टी के स्वामी हो, सतराचर के नाथ,
Nisdin Hot he tumse hi, hovat Sandhya Prabhat।

चौपाई:
जय भगवान सूर्य तम्हारी, जय खगेश दींकर सुभाषरी,
तुम हो

TUM HI KARTA PALAK SANHARAK, BHUVAN TATURDASH KE SANCHALAK,
सुंदर वडन चातर्भुज धारी, रश्मि रथी तुम गगन विहाररी,

चक्र शंक अरु स्वेट कामाल्दर, वर्मुद्रा सोहट चथेकर,
शीश मुकाट कुंडल गाल माला, चारु तिलक तव भल विशाल।

शेख्त अश्वा चूहा ड्रुट गमी, अरुण सरती गती अविरामी,
बनाकर वरन अबहुसन धर्रक, अतीप्रिया तोहे लाल पदरथ,

सर्वतामा काहे तुही रिग्वेद, मेट्रा काहे तुम को सब वेद,
पंच देव मीन पूजे जेट, मैन वानचित फाल साधक पटेल

द्वादश नाम जाप आउडरक, रोज शोक अरु कस्तसथ निवक,
माँ कुंती तव ध्यान लागायो, दानेर सुत करण सो पेओ,

राजा युधेशिर तव जस गेओ, अक्षय पट्रा वो बान मीन पायो,
शास्त्र त्यागी अर्जुन अकुरेयो, बान आदित्य हृदय से पायो।

विंदयाचल टैब मार्ग मीन अयो, हाहा कर टिमिर से चयो,
मुनि अगस्त्य गिरि गर्व मितायो, निज्तक बान से विंध्य ना वायो,

मुनि अगस्ते तव महिमा गेई, सुमिर भाय विजय रघुरई,
तोहे वीरोक मधुर फाल जन, मुख मीन लिनी तोहे हनुमना।

तव नंदन शानदेव काहेव, पवन ते सुत शनि तिर मितेव,
यागना व्रत स्टुति तुहरी किन्शी, भट शुक्ला यगुरवेद की दीनही,

सूर्यामुखी खारी टार तव रूपा, कृष्ण सुदर्शन भानू स्वारुओपा,
नमन तोहे ओमकार स्वारोपा, नमन आत्तमा अरु काल स्वारोपा।

खुदाई-खुदाई तव तेज प्रकाश, उज्ज्वल रूप तौमी आकाशे,
दास डिग्पल करात तव सुमिरन, आजन नेत्रा करात वह सुमिरन,

Trividh Taap Harta Tum Bhagwan, Gyan Jyoti Karta Tum Bhagwan,
सफल बानवे तव आराधन, गायत्री जाप सर वह साधना,

संध्या त्रिकाल करात जो कोई, पाव क्रिपा सदा तव वोही,
चिट शंती सूर्यश्तक देव, व्याध उपाधि सब हर लेवे,

आशाल कामल यांत सुभरकरी, पूजा उपासन तव सुखकरी,
मग मास सुदध सप्तमी पवन, आरंभ हो तव सुह व्रत पलान।

भानू सप्तमी मंगल कारी, भक्ति दयानी दोशान हरि,
रवि वासर जो तुम को कोएव, पुत्रदिक सुख वैभव पाव,

PAAP ROOPI PARVAT KE VINASHI, VAJR ROOP TUM HO AVINASHI,
राहु आन तव ग्रास बानवे, ग्राहन सूर्या टैब कोए लैग जय।

धर्म दान नल करत है साधक, मितत राहु टैब पिदा बडक,
सूर्या देव टैब क्रिपा किजे, डिरघा अयू बाल बुद्धी देजे,

सूर्या उपासना कर नित ध्यावे, कुशत रोज सी मुक्ति पाव,
दक्षिन दिशा तोरी गती गेव, दक्षिनयन वोही केहलेव।

उत्तर मार्गी से उरु रथ होव, उट्रेयन टैब वो केहलेव,
आदमी अरु वचन कर्म हो पवन, सान्याम करात भले नित अनहान।

दोहा:
भरत दास चिंत करत, धर दीन कर तव ध्यान,
राखीयो कृषी भक्त पीई, तमारी सूर्य भगवान हैं
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