मुंशी प्रेमचंद की Khaniyan

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Останнє оновлення: 27 Сер 2023 г.

Інформація про програму

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Назва програми: मुंशी प्रेमचंद की Khaniyan

Ідентифікатор програми: com.munshipremchand.sonusahu

Рейтинг: 0.0 / 0+

Автор: Ghanshyam Sahu

Розмір програми: 9.99 MB

Детальний опис

31 грудня 1880 р. (वाराणसी, उत्तर प्रदेश), якщо ви не знайдете цього місця. Зображення मुंशे ते ती अजायबराय डाकखाने में क्लर्क थे और माता का नाम आनन्दी देवी था. प्रेमचंद को मानशिक झटके बचपन से ही मिलने शुरू हो गये थे, उनकी 6 वर्ष की अवस्था में माता जी का स्वर्गवास हो गया, उनका विवाह मात्र पंद्रह वर्ष की उम्र में कर दिया गया और सोलह वर्ष के होने पर उनके पिता का भी देहांत हो गया था.

मुंशी प्रेमचंद का साहित्य उनके बचपन पर आधारित था क्योंकि उन्होंने «सौतेली माँ का व्यवहार, बाल विवाह, किसानों और क्लर्कों का दुखी जीवन, और धार्मिक कर्मकांड के साथ साथ पंडे-पुरोहितों का कर्मकांड अपनी किशोरावस्था में ही देख लिया था. यही अनुभव आगे चलकर उनके लेखन का विषय बन गया.

उनके लेखन में किसानों की आर्थिक बदहाली, धार्मिक शोषण (गोदान), बाल विवाह (निर्मला), छूआछूत, जाति भेद (ठाकुर का कुआँ), विधवा विवाह, आधुनिकता, दहेज प्रथा, स्त्री-पुरुष समानता सब कुछ देखने को मिलता है.

ी प्रेमचंद का दूसरा विवाह शिवरानी देवी से हुआ जो बाल-विधवा थीं. इस विवाह से उनके तीन संतानें हुईं जिनके नाम हैं; श्रीपत राय, राय और कमला देवी श्रीवास्तव.

1898 р., 1898 р., У вересні 1898 р., Що відбувся у вересні 1898 р., У вересні 1898 р. इसके बाद उन्होंने पढाई जारी रखते हुए 1910 में दर्शन, फ़ारसी, अंग्रऱी, और इतिहास लेकर इंटरमीडिएट पास की और 1919 म षयों ी, 19 19 19 19 19 19 19 19 19 19 19 19 19 19 19 ए. किया और बाद में शिक्षा विभाग के इंस्पेक्टर पद पर नियुक्त हुए थे.

उन्होंने गाँधी जी के आवाहन п. 1921 р. ई. Завантажте цей файл, щоб побачити його в Інтернеті, а потім завітайте до нього.

प्रेमचंद, 1933 में फिल्म नगरी मुंबई भी गये थे जहाँ मोहनलाल भवनानी के «सिनेटोन» कंपनी में कहानी लेखक के रूप में काम करने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया लेकिन यह काम रास नहीं आया और दो महीने का वेतन छोड़कर बनारस लौट आए. उनका वास्थ्य निरंतर बिगड़ता गया और लम्बी बीमारी के बाद 8 19क्टूबर 1936 को हिंदी साहित्त का यह सूर्य हमेशा के ह.

ी प्रेमचंद का साहित्यिक जीवन:

ी प्रेमचंद का पहला 'Пеннаж' मनके चाचा महावीर ने 'नवाव राय' रखा था. सके बाद ‘Сोжите वतन’ कहानी ंग्रह पर अंग्रीी सररा द्वारा रोक लगाने के बाद मुंशी जी ने ्् मचंद ुत ुत ुत ुत ुत ुत ुत.

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ी प्रेमचंद की प्रमुख कहानियों की सूची: -

1. आत्माराम

2. दो बैलों की कथा

3. आल्हा

4. इज्जत का खून

5. इस्तीफा

6. ईदगाह

7. कप्तान साहब

8. कर्मों का फल

9. क्रिकेट मैच

10. कवच

11. क़ातिल

12. कोई दुख न हो तो बकरी खरीद ला

13. गैरत की कटार

14. गुल्‍ली डण्डा

15. घमण्ड का पुतला

16. ज्‍योति

17. जेल

18. जुलूस

19. झांकी

20. ठाकुर का कुआं

21. त्रिया-चरित्र

22. तांगेवाले की बड़

23. दण्ड

24. दुर्गा का मन्दिर

25.Паус की रात

26. बड़े घर की बेटी

27. बड़े बाबू

28. बड़े भाई साहब

29. बन्द दरवाजा

30. बोहनी

31. मैकू

32. मन्त्र

33.सौत

34. नमक का दरोगा

35.सवा सेर गेहुँ

36.कफ़न

37.पंच परमेश्वर

ी प्रेमचंद के प्रमुख उपन्यासों की सूची: -

1.रूठी रानी

2.वरदान

3. ववव ददद

4. Принцип

5. रंगभूमि

6. निर्मला

7. प्रतिज्ञा

8. कर्मभूमि

9. गबन

11. मंगलसूत्र (अधूरा) जो कि बाद में उनके पुत्र ने पूरा किया था.

स प्रकार हिंदी साहित्य का यह कांतिमय लेखक 1880 े त त 1936 तक हमारे बीच रहकर साहित्य रुपी कई मोतइ द द द द द प ै ै ै ै ै ै ै. Якщо ви хочете, щоб вони не були використані в цій статті, будь ласка, перегляньте цю сторінку в будь-якому іншому місці.
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