Sanskrit Pustakalaya

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Последнее обновление: 10 Ноя 2023 г.

Информация о приложении

पुस्तकी भवति पण्डितः

Название приложения: Sanskrit Pustakalaya

Идентификатор приложения: org.srujanjha.sanskritbooks

Рейтинг: 0.0 / 0+

Автор: Srujan Jha

Размер приложения: 4.83 MB

Подробное описание

कोई पुस्तक के कारण ही पंडित हो पाता है। पुस्तकी भवति पण्डितः। ई के माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति हाथ तक तक पुस्तक पुस्तक पुस्तक के लक्ष्य लक्ष्य की अभिलाषा अभिलाषा ई ई ई ई लेकर लेकर लेकर लेकर लेकर लेकर।।।
समय व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक को को संक्रान्त के लिए समय समय समय अनेक का का प्रयोग किया गया। आज डिजिटल दौर में ज्ञान के आधार में परिवर्तन समय की मांग है। है यंत्र भी उनमें से एक है, जिसके माध्यम से अब ईप्सित पुस्तक को पढ़ना संभव हो पा रहा है। परम्परा इस ऐप में हजारों वर्षों विकसित विकसित व होती रही रही परम्परा परम्परा परम्परा, जो संस्कृत भाषा है लिखी है, है लेकर आ चुके हैं। "पुस्तक संदर्शिका" एप पर पुस्तक पढ़ने की सुविधा दिए जाने की मांग होती रही है। यह ऐप उस मांग की परिणति है।
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है पर यूनिकोड में अंकित पुस्तकें उपलब्ध उपलब्ध होने है, परंतु अभी उनमें काफी त्रुटियां हैं अथवा संपादन होना शेष है है है की पुस्तकों में यह समस्या अत्यल्प होती है, अतः यहां पर पीडीएफ पुस्तकों का ही लिंक दिया है है।
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इति शम्
विदुषामनुचरः
जगदानन्द झा
गृहम् गृहम्, कूर्माचल नगर, लखनऊ
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Скриншот приложения

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