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* भगवान शंकर के पूर्ण रूप काल भैरव* शिव और सती का विवाह
* शिव का रौद्र रूप है वीरभद्र
* ऐसे हुई 51 शक्तिपीठों की स्थापना
* शिव-पार्वती विवाह
* शिव विवाह
* भगवती तुलसी की कथा
* कुबेर का अहंकार
* तपस्या का फल
* अर्द्धनारीश्वर शिव
* समुद्र मंथन कथा
* गंगा को जटाओं में बांध लिया शिव ने
* विष्णु को सुदर्शन चक्र
* राम जी और शंकर जी का युद्ध
* हनुमान अवतार
* रावण के जन्म की कथा
* अर्जुन को पाशुपत अस्त्र
* कण्णप्प की भक्ति
* गृहपत्यावतार
* केतकी के पुष्प
* चंद्रमा को शाप से मुक्ति
* शिव का क्रोध
* शिव और सर्प के अबूझ रिश्ते
* शंकरजी द्वारा अर्जुन को पाशुपत अस्त्र
Shiva Puran also teaches about Jyotirlingas,
A Jyotirlinga is a devotional object representing the god Shiva. Jyoti means 'radiance' and lingam the 'mark or sign' of Shiva, or a symbol of the pineal gland; Jyotir Lingam thus means the The Radiant sign of The Almighty. There are twelve traditional Jyotirlinga shrines in India.
* सोमनाथ ज्योतिर्लिंग
* मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग
* महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
* ॐकारेश्वर ज्योतिर्लिंग
* केदारनाथ ज्योतिर्लिंग
* भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग
* वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग
* त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग
* काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग
* नागेश्वर ज्योतिर्लिंग
* रामेश्वर ज्योतिर्लिंग
* घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग